श्रम-विभाजन और जाति-प्रथा का प्रश्न-उत्तर बिहार बोर्ड कक्षा-10 हिन्दी

श्रम-विभाजन और जाति-प्रथा का प्रश्न-उत्तर

बो ध और अभ्यास  


श्रम-विभाजन और जाति-प्रथा का प्रश्न उत्तर बिहार बोर्ड कक्षा 10वीं हिंदी


प्रश्न 1- लेखक किस विडंबना की बात करते हैं  विडंबना का स्वरूप क्या हैं?


उत्तर → लेखक जिस विडंबना की बात करते हैं वो है जातिवाद का पोषक। भारत मे कई ऐसे गाँव है जहाँ के लोग शिक्षित होकर भी जात-पात, छुआ छूत की भावना रखते है विडंबना का स्वरूप

कार्य कुशलता के आधार पर श्रम विभाजन होना चाहिए न कि जाति के अधार पर। चुकि  श्रम विभाजन जाति प्रथा का दूसरा रूप हैं।



Shram-Vibhajan Aur Jaati-Pratha
Shram-Vibhajan Aur Jaati-Pratha


प्रश्न (2) जातिवाद के पोषक उसके पक्ष मे क्या तर्क देते है?


उत्तर → जातिवाद के पक्ष मे महान संविधान विद्वान डॉ. अम्बेदकर जी के द्वारा यह तक दिया जाता है कि कार्य कुशलता के आधार पर श्रम विभाजन होना चाहिए चुकि श्रम विभाजन जाति प्रथा का दूसरा रूप है


प्रश्न (3) जाति बाद के पक्ष मे दिए गए तर्कों पर लेखक की प्रमुख आपत्तियाँ क्या है?


उत्तर → जातिवाद के पक्ष मे डॉ. भीमराव अंबेदकर कड़ी आपत्ति जताते हुए कहते है कि काम का विभाजन जाति के आधार पर नही होना चाहिए। क्योंकि मानव का जिस जाति में जन्म होता है वह अपने माता पिता के पेशे के अनुसार जीवन भर के लिए बाँध जाता है चाहे उसमे उसे रुचि हो या न हो और वह अपने देश और समाज का विकास नहीं कर पाता है


प्रश्न (4) जाति भारतीय समाज मे श्रम विभाजन का स्वाभाविक रूप क्यों नहीं कही जा सकती?


उत्तर → क्योंकि यह मनुष्य की रूचि पर आधारित नही है कुशल व्यक्ति या सक्षम श्रमिक समाज का निर्माण करने के लिए यह आवश्यकत है कि श्रम रुचि के अनुरूप है


प्रश्न (5) जातिप्रथा भारत मे बेरोजगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण कैसे बनी हुई है?


उत्तर → यदि कोई निची जाति का होतो उसे फेक्टरी या कारखाना मे यह कह कर काम नहीं देता है की आप निची जाति के है इस कारण भारत में बेरोगारी का एक प्रमुख और प्रत्यक्ष कारण बनी हुई हैं।


प्रश्न (6) लेखक आज के उद्योगों मे गरीब और उत्पीड़न से भी बड़ी समस्या किसे मानते है और क्यो?


उत्तर → लेखक आज के उद्योगो मे जाति प्रथा को बड़ी समस्या मानते है क्योंकि उच्चा जाति के लोग निचे जाति के लोगो को यह कह कर काम नही देते है कि तुम्हारे पिताजी लौहार का काम करते है तुम भी लोहार का काम करोगे 


प्रश्न (7) लेखक ने पाठ मे किन प्रमुख पहलुओ से जतिप्रथा को एक हानिकारक प्रथा के रूप मे दिखाया?


उत्तर → बेरोजगारी, उच्च जाति के लोग जिचे जाति के लोगो पर हुकुमत चलाना आदि


प्रश्न (8) सच्चे लोकतंत्र की स्थापना के लिए लेखक ही किन विशेषताओं की आवश्यक माना है ?


उत्तर → काम हो परन्तु जाति के आधार पर नहीं


श्रम-विभाजन और जाति-प्रथा के लेखक डॉ. भीमराव अंबेडकर से संबंधित प्रश्न-उत्तर


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